Psychology kya Hai – साइकोलॉजी क्या होता है ? कैसे बने

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आज कल की फिल्मों में Psychology का कुछ ज्यादा ही प्रमोशन किया जाता रहा है। कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि साइकोलोजी क्या है क्योंकि उन्हें यह जानना होता है कि Psychologist kaise Bane हालांकि यह कोई मुश्किल टास्क नहीं है क्योंकि इसमें मनुष्य के स्वभाव के बारे में सीखना होता है।

अगर आपकी भी Psychologist बनने की इच्छा है तो सारी जरूरी जानकारी इस लेख में मिलेगी इसलिए इसे अंत तक पूरा पढ़ें।

इस लेख में Psychology या Psychologist से जुड़े आपके तमाम सवालों का जवाब है जैसे Psychology Kya Hai और साइकोलॉजिस्ट कैसे बने आदि।

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साइकोलोजी क्या है ( Psychology kya Hai )

साइकोलोजी एक ऐसा विषय है जो एक छात्र को बताता है कि किसी व्यक्ति का दिमाग कैसे सोचता है या काम करता है

सीधे शब्दों में कहें तो इसमें दिमाग से जुड़ी छोटी बड़ी सब बातें बताई जाती हैं जैसे किन परिस्थितियों में व्यक्ति को तनाव, अनिद्रा या चिंता होती है और इन्हें कैसे दूर किया जाए आदि।

इस तरह आपने जाना कि साइकोलॉजी कौन सा विषय है।

साइकोलॉजी इन हिंदी

साइकोलॉजी को हिंदी में मनोविज्ञान कहते हैं और साइकोलॉजिस्ट को हिंदी में मनोवैज्ञानिक कहा जाता है। मनोविज्ञान एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसका प्रयोग मुख्य रूप से मनुष्य के विचारों और व्यवहारों को समझने के लिए किया जाता है।

मनोविज्ञान की मदद से हम अपने मनुष्य में हो रहे अनुभवों को समझ सकते हैं। इससे हम अपनी जिंदगी में बेहतर माहौल बनाते हैं, खुद को सुधारते हैं या दुसरों से मिलने लगते हैं।

साइकोलॉजिस्ट कौन होता है

साइकोलॉजिस्ट एक प्रोफेशन होता है जो लोगों के विचारों, भावनाओं और व्यवहारों को बेहतर ढंग से समझने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करते हुए मानव के मन और व्यवहार का अध्ययन करता है।

साइकोलॉजिस्ट कमजोर मेंटल हेल्थ वाले लोगों की हेल्प करने के लिए अपने साइकोलोजी के ज्ञान का उपयोग करते हैं। वे तनाव, अनिद्रा या चिंता जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याओं वाले लोगों का इलाज कर सकते हैं।

अगर कोई इंसान गुस्सा, प्यार, दुख, क्रूरता आदि को कंट्रोल नही कर पाता है तो इनका उपचार भी मनोवैज्ञानिक के पास होता है। इनका पता लगाने के लिए वे कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिसमें बातचीत, परीक्षा और मूल्यांकन शामिल हैं।

इसके अलावा साइकोलॉजिस्ट अक्सर हमारी समझ को बढ़ाने के लिए रिसर्च का काम करते हैं कि मस्तिष्क कैसे काम करता है और यह व्यवहार को किस प्रकार प्रभावित करता है।

साइकोलॉजिस्ट कितने प्रकार के होते है (Types of Psychologist in Hindi)

1 – Clinical Psychologist

क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट हमें यह सिखाता है कि सामान्य मानवीय समस्याओं जैसे तनाव, नींद आदि को कैसे काबू में कर सकते हैं।

2 – Development Psychologist

ये Child Mental Health पर काम करते हैं और हमें बताते हैं कि बच्चों का दिमाग कैसे काम करता है, माता-पिता या शिक्षकों को बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए और संतान में कोई दोष हो तो क्या करें।

3 – Criminal Psychologist

ये अपराधियों के दिमाग को पढ़ सकते हैं और बता सकते हैं कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है, उनका मकसद क्या है या उन्हें कैसे बदला जा सकता है।

4 – Cognitive Psychologist

ये बताते हैं कि मानवीय भावनाएं और मेमोरी कैसे काम करती है, हम क्या निर्णय लेते हैं और किसी चीज को देखकर मन में विचार कैसे बनते हैं आदि। हाल के दिनों में ये बहुत फेमस हुए हैं।

5 – Organizational Psychologist

ये किसी व्यक्ति से बात करते समय उसके हाव-भाव से उसके वास्तविक कौशल का पता लगाने में सक्षम होते हैं। ऐसे मनोवैज्ञानिक बड़े संगठनों में काम करते हैं और जॉब इंटरव्यू लेते वक़्त वे परीक्षार्थी के हाव-भाव से उसे टैलेंट का पता लगाते हैं।

6 – Social Psychologist

व्यक्ति समाज के प्रति कैसा व्यवहार करता है? रिश्तों में आ रही समस्याओं को कैसे सुलझाना है? इन सबकी जानकारी सोशल साइकोलॉजिस्ट को होती है।

7 – Health Psychologist

जो लोग सेहत की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते हैं उन्हें अच्छे भोजन के सेवन के बारे में जागरूक करना और उन्हें सेहत का महत्व सिखाने का काम हेल्थ साइकोलॉजिस्ट करता है। ये धूम्रपान, शराब पीने, ड्रग्स की लत से छुटकारा दिलाने में सक्षम होते हैं।

मनोविज्ञान की प्रमुख शाखाएं

मनोविज्ञान के कई प्रकार है लेकिन उनमें से प्रमुख मनोविज्ञान शाखाएँ हैं जिसका हमें निचे लिस्ट में बताया है क्याकि इस में हम यहां जान रहे है कि psychology kya hai.

असामान्य मनोविज्ञान Abnormal psychology
जीववैज्ञानिक मनोविज्ञान (Biological psychology)
नैदानिक मनोविज्ञान (Clinical psychology)
परामर्श मनोविज्ञान (Counseling psychology)
आलोचनात्मक मनोविज्ञान (Critical psychology)
विकासात्मक मनोविज्ञान (Developmental psychology)
संज्ञानात्मक मनोविज्ञान (Cognitive psychology)
सामुदायिक मनोविज्ञान (Community Psychology)
तुलनात्मक मनोविज्ञान (Comparative psychology)
शैक्षिक मनोविज्ञान (Educational psychology)
वैश्विक मनोविज्ञान (Global psychology)
स्वास्थ्य मनोविज्ञान (Health psychology)
औद्योगिक एवं संगठनात्मक मनोविज्ञान (Industrial and organizational psychology (I/O)
विधिक मनोविज्ञान (Legal psychology)
विकासात्मक मनोविज्ञान (Evolutionary psychology)
आपराधिक मनोविज्ञान (Forensic psychology)
व्यावसायिक स्वास्थ्य मनोविज्ञान (Occupational health psychology (OHP)
व्यक्तित्व मनोविज्ञान (Personality psychology)
विद्यालयीन मनोविज्ञान (School psychology)
पर्यावरणीय मनोविज्ञान (Environmental psychology)
योग मनोविज्ञान (Yoga Psychology)
संख्यात्मक मनोविज्ञान (Quantitative psychology)
मनोमिति (Psychometrics)
गणितीय मनोविज्ञान (Mathematical psychology)
सामाजिक मनोविज्ञान (Social psychology)
प्रमुख मनोविज्ञान शाखा

मनोवैज्ञानिक कैसे बने ? ( Psychologist kaise Bane )

अगर आप साइकोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं तो आपको 11वीं क्लास से शुरुआत करनी होगी।

  1. पहले 11वीं और 12वीं में मनोविज्ञान विषय लें और पास हो जाएं।
  2. फिर Psychology में भी बैचलर डिग्री करें। इसके लिए आप मनोविज्ञान के साथ बी.ए. या बी.एससी. कर सकते हैं।
  3. इसके बाद आप मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आप मनोविज्ञान के साथ एम.ए. या एम.एससी. कर सकते हैं। मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री करते समय आपको मनोविज्ञान की किसी एक शाखा का चयन करना होगा और उस पर अधिक ध्यान देना होगा ताकि आप इसमें विशेषज्ञ बन सकें।
  4. उसके बाद अगर आप चाहें तो मनोविज्ञान में डिप्लोमा या पीएचडी भी कर सकते हैं लेकिन यह करना अनिवार्य नहीं है।
  5. इसके बाद आपको Rehabilitation Council of India में पंजीकरण कराना होगा ताकि आप एक प्रमाणित मनोवैज्ञानिक बन सकें। सर्टिफाइड साइकोलॉजिस्ट बनने के बाद आप अपना क्लीनिक खोल सकते हैं।

साइकोलॉजी में करियर ( Psychology me Career kaise banaye )

आज के समय में लोगों की जीवनशैली काफी बदल गई है। इस बदलती जीवनशैली के कारण 12 वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर के अवसर बढ़ रहे हैं। मनोवैज्ञानिकों की जरूरत हर क्षेत्र में होती है। मनोवैज्ञानिक बनने के लिए आपके पास धैर्य, संवेदनशील ध्यान, आत्मविश्वास, ग्राहकों को संभालने और संतुष्ट करने की क्षमता होनी चाहिए।

Psychology me Career बनाने के लिए आप सबसे पहले बैचलर इन साइकोलॉजी, मास्टर इन साइकोलॉजी जैसे कोर्स कर इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। बैचलर कोर्स की अवधि 3 साल और मास्टर कोर्स की अवधि 2 साल है। अगर आपकी इच्छा हो तो मास्टर डिग्री के बाद स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है।

Career Scope and Salary in Psychology

मनोविज्ञान करियर के रूप में आगे बढ़ने के लिए एक दिलचस्प स्कोप है। उचित शिक्षा और ट्रेनिंग के साथ यह प्रोग्रेस के लिए बड़ी संभावना वाला करियर हो सकता है। इनकी सैलरी एक्सपीरियंस के लेवल पर या जॉब के टाइप पर निर्भर करती है। Psychologist Salary की बात करें तो इन्हें 17 से 20 हजार की शुरुआती सैलरी मिलती हैं। अगर अनुभव अच्छा हो तो ये 50 हजार से ज्यादा की सैलरी पा सकते हैं।

अगर आप 12 वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे आपके लिए Psychology Career Scope की जानकारी दी गई है।

  • अस्पतालों में साइकोलॉजिस्ट के पद उपलब्ध हैं।
  • विश्वविद्यालयों या अन्य संस्थानों में शोध-आधारित कामों के लिए साइकोलॉजिस्ट के पद पर नौकरी कर सकते हैं।
  • कई कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में साइकोलॉजी टीचर के पद खाली हैं।
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट जैसे कामों में सलाहकार की तरह काम कर सकते हैं।
  • फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक अच्छी सैलरी पर जॉब कर रहे हैं जो आपराधिक जांच में एक्सपर्ट हैं।

FAQ of Psychology kya hai या kya hota hai और कार्य | पढ़ाई | कोर्स की फीस | Psychologist kaise Bane

क्या साइकोलॉजिस्ट बनना आसान है?

साइकोलॉजिस्ट बनना कोई आसान काम नहीं है। इस क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने के साथ-साथ मानव व्यवहार और इसकी जटिलताओं को समझने के लिए वर्षों के अध्ययन और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। मनोवैज्ञानिकों को अच्छा कम्युनिकेटर भी होना चाहिए जो अपने कस्टमर को सही ढंग से सुन सकें और बातचीत के आधार पर सही एडवाइस दे सकें। इसके अलावा मनोवैज्ञानिक अक्सर अलग-अलग शेड्यूल के साथ लंबे समय तक काम करते हैं। यह सारी मेहनत तब रंग लाती है जब आप अपने ज्ञान के माध्यम से लोगों को जीवन में कठिनाइयों को दूर करने में मदद करने में सक्षम होते हैं।

साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए कितनी पढ़ाई करनी पड़ती है?

साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सही तरीके से इसकी पढ़ाई करना। ज्यादातर मनोवैज्ञानिकों के पास साइकोलॉजी के फील्ड में कम से कम स्नातक की डिग्री होती है जबकि कुछ मास्टर डिग्री और पीएचडी जैसी हाई एजुकेशन के साथ आगे बढ़ते हैं।

मनोवैज्ञानिक बनने के फायदे क्या है?

●     आप यह जान पाएंगे कि किसी और के दिमाग में क्या चल रहा है।
●     लोगों की कमजोरियों को जानकर उन्हें दूर कर पाएंगे।
●     बड़ी से बड़ी परेशानी में भी धैर्य रखने में समर्थ होंगे।
●     लोगों की मेंटल समस्याओं को समझ पाएंगे।
●     आतंकी गुट के खात्मे के लिए रणनीति बना सकते हैं।
●     समाज द्वारा मनोवैज्ञानिक के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाता है।

साइकोलॉजी कोर्स की फीस कितनी होती है?

मनोविज्ञान पाठ्यक्रम शुल्क आमतौर पर 5000 रुपये से  95,000 रुपये तक होती है।,यह फीस आपके राज्य और यूनिवर्सिटी के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकती है। आपकी फीस इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन कर रहे हैं या पोस्ट ग्रेजुएशन।

मनोवैज्ञानिकों का जीवन कैसा होता है?

मनोवैज्ञानिकों का जीवन बहुत फायदेमंद होता है। इनके पास मुश्किल समय में लोगों की हेल्प करने और उनके जीवन में पॉजिटिव बदलाव लाने का अवसर है। रोगियों के इलाज के अलावा मनोवैज्ञानिक कॉलेजों में पढ़ाते हुए भी समय बिताते हैं। कुछ अपनी रुचि के अनुसार पत्रिकाओं में छापने के लिए आर्टिकल भी लिखते हैं। एक मनोवैज्ञानिक का जीवन विकास के लिए कई मौके देता है लेकिन इसके लिए समर्पण की आवश्यकता होती है।

अंतिम शब्द (Final Word) साइकोलॉजिस्ट का

यह लेख मनोविज्ञान क्या है (psychology kya hai), साइकोसिस्टिक कैसे बने, साइकोसिस्टिक्टिक वाइट टाइप के होते हैं और साइको लॉजिकली गिनते हैं, इसके बारे में जानकारी प्रदान करता है।

हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपकोमनोविज्ञान क्या है, मनोविज्ञान के बारे में जानकारी अधिक होनी चाहिए या कोई प्रश्न पूछना है, तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

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