Cloud computing in hindi – हम सबको पता है, की इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की वजह से हमारे जीवन में बहुत बड़े बदलाव हुए जिससे हमारी जिंदगी आसान और गतिमान हुई है। इंटरनेट से जुड़ी एक ऐसी ही टेक्नोलॉजी है, जिसे Cloud Computing कहा जाता है, जिससे इंटरनेट की दुनिया में नया बदलाव देखने को मिला।
cloud computing कोई नई टेक्नोलॉजी तो नहीं है, लेकिन पहले से ज्यादा आज के समय में बहुत सुधारना हुई है इसलिए cloud computing यह शब्द बहुत ज्यादा सुनाई देता है और क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी चर्चा में है।
अगर आप भी जानना चाहते है संपूर्ण जानकारी की, Cloud computing kya hai?, क्लाउड स्टोरेज क्या है ?, क्लाउड का इतिहास और भविष्य , करियर कैसे बनाए तो इस आर्टिकल (Cloud computing in hindi) को पूरा पढ़े। हमें विश्वास है इस जानकरी को पूरा पढ़ने के बाद क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के बारे में आपके सारे डाउट क्लियर हो जाएंगे।
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Cloud क्या है हिंदी में जानकारी ?
Cloud का हिंदी में अर्थ बादल होता है, लेकिन इस टेक्नोलॉजी में cloud शब्द का तकनीकी रूप से उपयोग किया गया है। Cloud एक प्रकार का सर्वर है जो की इंटरनेट से कनेक्ट होता है, जिसे मोबाइल और कंप्यूटर डिवाइस की मदद से कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है लेकिन इसके लिए आपका कंप्यूटर डिवाइस भी इंटरनेट से कनेक्ट होना चाहिए।
यहां पर आपके मन में यह सवाल आ गया होगा, की सर्वर क्या है, तो हम आपको बता दे की सर्वर एक कंप्यूटर डिवाइस या प्रोग्राम है, जो कि सेवा प्रदान करता है जिसे हर व्यक्ति या कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से उपयोग कर सकता है।
क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीक के जनक जे.सी.आर. लिकलाइडर है जो की अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक है इस टेक्नोलॉजी की कल्पना 1960 के दशक में की गई थी। लेकिन ऐसा माना जाता है की, “क्लाउड कंप्यूटिंग” का पहली बार उपयोग 9 अगस्त, 2006 को किया था।
Cloud computing टेक्नोलॉजी क्या है ?
Cloud computing एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से हम अपने किसी भी प्रकार के डिजिटल डाटा (इमेज, वीडियो, टेक्स्ट फाइल, ऑडियो फाइल या सॉफ्टवेयर और वेबसाइट ) को इंटरनेट से जुड़े सर्वर पर स्टोर कर सकते है और किसी भी वक्त किसी भी जगह से इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस से एक्सेस कर सकते है।
क्लाउड कंप्यूटिंग यह एक आभासी और भौतिक (virtual and physical) टेक्नोलॉजी का एकत्रीकरण है इसलिए हम इस टेक्नोलॉजी को सिर्फ आभासी तकनीक नहीं कह सकते। लेकिन कुछ लोगो को यह मानना है कि यह एक
आभासी टेक्नोलॉजी है।
क्लाउड कंप्यूटिंग नाम सुन के तो आम इंसान को ऐसा लगेगा की क्लाउड पर जाकर कंप्यूटर चलाना है, लेकिन ऐसा नहीं Cloud computing टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है इसके बारे में थोड़ा डिटेल में उदाहरण के साथ समझते है, जिससे आप इस टेक्नोलॉजी को आसानी से समझ पाएंगे।
क्लाउड कंप्यूटिंग के मुख्य चार प्रकार – 1. पब्लिक क्लाउड कंप्यूटिंग , 2 . प्राइवेट क्लाउड कंप्यूटिंग 3. हाइब्रिड क्लाउड कंप्यूटिंग, 4. कम्युनिटी क्लाउड कंप्यूटिंग।
Cloud computing टेक्नोलॉजी कैसे काम करते है।
एक क्लाउड सर्वर होता है, जो की इंटरनेट से कनेक्ट होता है, जिस पर हम अपने डाटा, सॉफ्टवेयर या वेबसाइट को स्टोर करते है और इसे हम अपनी जरूरत के हिसाब से उपयोग कर सकते है। जैसे हमारे मोबाइल में कोई फोटो ,वीडियो, सॉन्ग, ऍप , मूवी होती है उसे हम कभी भी यूज़ सकते है और उसे स्टोर करने के लिए मेमोरी की जरूरत होती है एक दिन यह मेमोरी फुल हो सकती है।
लेकिन यही चीजे हम क्लाउड स्टोर पर सेव करते है, तो हमें हमारे मोबाइल या कंप्यूटर के स्टोरेज के ख़तम होने की टेंशन नहीं रहती, हम अनगिनत डाटा क्लाउड सर्वर पर स्टोर कर सकते है और अपने मर्जीसे यूज़ कर सकते है, जो की बहुत आसान और सुरक्षित भी होता है।
cloud सर्वर पर डाटा का बैकअप लेना, कॉपी करना, डाउनलोड करना बहुत ही आसान होता है और मोबाइल ख़राब होने से डाटा डिलीट होने की भी फ़िक्र नहीं होती। उदाहरण के लिए – आप गूगल ड्राइव का उपयोग तो करते होंगे जहां पर आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर डिवाइस का जरुरी डाटा स्टोर करते होंगे। जब भी आप गूगल फोटोज या गूगल ड्राइव पर अपना डाटा अपलोड करते है तो यह सब गूगल क्लाउड सर्वर पर ही स्टोर होता है।
हमारे वेबसाइट पर आप यह जानकारी पढ़ रहे है लेकिन इसके लिए आपको अपने डिवाइस के स्टोरेज का उपयोग करने की जरूरत है क्योकि यह जानकारी क्लाउड पर स्टोर जिसे आप आसानी से पढ़ सकते है। इसके अलावा यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, अमेज़न जैसे वेबसाइट पर जो डाटा होता है वो क्लाउड सर्वर पर स्टोर होता है, जिसे हम आसानी से यूज़ करते है।
Cloud computing टेक्नोलॉजी की वजह यह सब संभव हो सका है, Cloud सर्विस का उपयोग करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान करना होता है। लेकिन गूगल कुछ स्टोरेज हमे फ्री देती है जैसे गूगल ड्राइव पर 15 GB स्टोरेज फ्री होता है और वो फुल होने पर हम उसे बढ़ा सकते है।
Cloud computing के उपयोग कैसे होता है ?
- Cloud computing का उपयोग एकाधिक उपकरणों के लिए एक ही डेटा का यूज़ करने के लिए किया जा सकता है, जैसे की यूट्यूब के वीडियो को दुनिया के करोडो लोग यूज़ करते है।
- Cloud computing का उपयोग डाटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है, अगर हम अपने डाटा को अपने डिवाइस में स्टोर है, तो डाटा डिलीट होने की या डिवाइस ख़राब होने की संभावना हो सकती है लेकिन क्लाउड पर डाटा सुरक्षित रहता है।
- Cloud computing का उपयोग कंपनी के बड़े साइज के डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है, फेसबुक के 50 करोड़ से भी ज्यादा यूजर है, इतने लोगो का डाटा किसी स्टोरेज डिवाइस में स्टोर करना असंभव और जोखिमभरा हो सकता है, इसलिए यह पर क्लाउड कंप्यूटिंग की बहुत बड़ी मदद होती है।
- Cloud computing का उपयोग अपने स्टोरेज डिवाइस का डाटा बैकअप लेने के लिए, शेयर करने के लिए कर सकते है। अगर किसी कंपनी के डाटा को अपनी कंपनी के अनेक शाखा और कर्मचारी के साथ शेयर करना है तो उसे हर एक व्यक्ति को भेजने से अच्छा क्लाउड सर्वर पर स्टोर करेंगे और वहा से बाकी कर्मचारी डाटा आसानी से यूज़ कर सकेंगे।
Cloud computing in hindi फायदे और नुकसान |
हर चीज के दो पहलू होते है पॉजिटिव और नेगेटिव इसलिए क्लाउड कंप्यूटिंग के भी कुछ फायदे और नुकसान है।
क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे :
- बड़े साइज का डाटा स्टोर कर सकते है, जसिके लिए हमे कोई हार्डवेयर डिवाइस खरीदने की जरूरत नहीं होती।
- जरूरत के हिसाब से हम क्लाउड स्टोरेज का use कर सकते है, जिससे जितना स्टोरेज ख़रीदा उतने के ही पैसे देने पड़ते है।
- डाटा का बैकअप लेना और उसे रिस्टोर करना बहुत ही आसान होता है।
- क्लाउड स्टोरेज लोकल स्टोरेज डिवाइस से ज्यादा फायदेमंद होता है।
- दुनिया के किसी भी कोने से क्लाउड में स्टोर डाटा को यूज कर सकते है।
- एक ही डाटा अनगिनत लोगों के साथ एक ही समय पर शेयर कर सकते है।
- कम खर्च में सर्विस उपलब्ध होती है।
क्लाउड कंप्यूटिंग के नुकसान :
- हम अपने डाटा को किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर करते है जो की रिस्की हो सकता है।
- डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट न हो तो हम क्लाउड पर स्टोर डाटा को यूज़ नहीं कर सकते।
- वैसे तो क्लाउड स्टोरेज सुरक्षित होता है लेकिन फिर भी यह डाटा शेयर करते समय हैकर के द्वारा हैक किया जा सकता है।
- तकनीकी समस्या के कारण क्लाउड डाटा को एक्सेस कर पाना मुश्किल हो सकता है, जो की कंपनी के कर्मचारियों का वक्त बर्बाद कर सकता है।
Cloud computing in hindi इतिहास और भविष्य |
Cloud computing टेक्नोलॉजी से पहले ट्रेडिशनल तकनीक थी, कोई भी कंपनी अपने डाटा को स्टोर और प्रोसेसिंग के लिए खुद का सर्वर यूज़ करती थी, जिससे ज्यादा लोड के कारण सर्वर क्रैश की संभावना ज्यादा थी, जिससे डाटा लॉस होने का खतरा रहता था।
लेकिन अब क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के मदद से सर्वर क्रैश और डाटा लॉस का खतरा टल गया और बड़ी कंपनी के अलावा सामान्य लोग भी Cloud computing टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है।
आप देख सकते है की लोग बिना किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड किए ऑनलाइन फोटो एडिटिंग, वीडियो एडिटिंग, गेमिंग, म्यूजिक सुनना, मूवी देखना यह सब काम कर रहे है जिसके लिए उन्हें अपने डिवाइस का storage यूज़ करने की जरूरत नहीं होती क्योंकि यहाँ पर एप्लीकेशन/सॉफ्टवेयर के द्वारा Cloud storage का यूज़ किया गया है।
भविष्य में edge और sky computing जैसे अनेक टेक्नोलॉजी के साथ एक hybrid cloud टेक्नोलॉजी बन सकती है जो की इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है।
छोटे व्यवसाय, स्टार्टअप से लेकर बड़े बिजनेस और Tech कंपनी सभी क्षेत्र में cloud computing टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है यह उपयोग हर दिन बढ़ता जा रहा है, इसलिए अगर आप क्लाउड कंप्यूटिंग में करियर बनाने के बारे में सोच रहे है तो आप बिलकुल सही सोच रहे है। यह एक उभरता हुआ करियर ऑप्शन है जो कि आपका भविष्य चमका देगा।
Cloud computing में करियर कैसे बनाए ?
Cloud computing में करियर बनाने के लिए आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना जरूरी है, इसके लिए दो रास्ते है जिसके बारे में हम आगे जानते है।
- सबसे पहले आपको 10 वी तक की पढाई पूरी करनी पड़ेगी, उसके बाद इसके बाद आप कंप्यूटर इंजीनियर में डिंप्लोमा कर सकते है, जहा पर आपको बेसिक से प्रोगम्मिंग लैंग्वेज सिखने को मिलेगी।
यह डिप्लोमा कोर्स 3 साल का होता है, इसे पूरा करने के बाद आपको डिग्री कॉलेज में B Tech के लिए एडमिशन ले कर 3 साल का B Tech कोर्स भी कम्पलीट करना पड़ेगा जिसमे कुछ विषय आपको क्लाउड कंप्यूटिंग के संबंधित भी सिखने को मिलेंगे
इसके बाद आप cloud computing के संबंधित स्पेशल कोर्स कर सकते है, जिससे आप इस फील्ड के बारे डिटेल में सीखेंगे और इसके बाद आप cloud computing के जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है।
- दूसरा रास्ता यह है की, 10वी के बाद 12वी कर सकते और बारहवी के बाद आप कंप्यूटर/ IT फील्ड में B Tech एडमिशन ले सकते है।
अगर आप B Tech डिप्लोमा करने के बाद करते है तो आप को डायरेक्ट सेकंड ईयर में एडमिशन मिलता है जिससे B Tech कोर्स सिर्फ 3 साल में पूरा कर सकते है। और B Tech बारहवीं के बाद करते है तो आपको यह कोर्स फर्स्ट ईयर से करना होता है इसलिए यह कोर्स पूरा बारहवी के बाद 4 साल लगते है।
B Tech पूरा करने के बाद Cloud Computing स्पेशल कोर्स करके बाद में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है।
करियर बनाने से पहले आप कुछ इंटरनेट से क्लाउड कंप्यूटिंग की PDF पढ़े, क्लाउड कंप्यूटिंग से फ्री titorial से सीखे, जिससे आपको इस फील्ड के बारे में और ज्यादा नॉलेज मिलेगा ।
Cloud इंजीनियर की सैलरी सालाना 5 से 6 लाख तक होती है, और आपके साथ आगे चल के यह सैलरी 10-15 लाख से अधिक हो सकती है।
cloud इंजीनियर काम होता है, गतिमान रूप से अपने उपबोक्तावों को सेवा प्रदान करना, डाटा को सुरक्षित रखना, बिना किसी तकनीकी समस्या के सेवा देना, क्लाउड को मेंटेन करना ।
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सारांश :
इंटरनेट की दुनिया में होने वाले बदलाव का cloud computing टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा हाथ है, जिससे हर तरह के बिजनेस में ज्यादा गती से बढ़ना संभव हो पाया है, इसलिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। इसलिए यह करियर बनाने के लिए भी अच्छा विकल्प है, आज बताए गए Cloud computing in hindi जानकारी के अनुसार आप क्लाउड कंप्यूटिंग में करियर बना सकते है। आशा करते है की आज की क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी से संबंधित जानकारी आपको समझ आ गई होगी। अगर फिर भी कुछ सवाल है तो हमे कमेंट करके जरूर पूछे और इस (Cloud computing in hindi) आर्टिकल को दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
नमस्कार ! हिंदी ई-गाइड ब्लॉग पर आप शिक्षा, इंटरनेट, टेक्नोलॉजी, क्या और कैसे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारीयाँ जानने और सीख के लिए है, उम्मीद करता हूँ आप कम शब्दों में सरलता से समझ पाएंगे । …