Computer ka Avishkar Kisne Kiya और कब हुआ

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Computer ka Avishkar Kisne Kiya – दोस्तों हम कंप्यूटर का उपयोग करते हुए बहुत समय बिताते हैं, चाहे वह काम के लिए हो, गेमिंग करते हुए हो या फिल्में देखते हुए हो। क्या आपने कभी सोचा है कि कंप्यूटर का आविष्कार करने के पीछे मास्टरमाइंड कौन था? इस पोस्ट में हम Computer Ka Avishkar Kisne Kiya Tha इसके बारे में बताएंगे।

आइए कंप्यूटर की आकर्षक दुनिया की खोज करते हैं और जानते हैं कि Computer Kya Hai और कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया। यहां हम कंप्यूटर का इतिहास भी बताने वाले हैं।

Computer ka Avishkar Kisne Kiya और कब हुआ

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Computer Kya Hai (कंप्यूटर kya है )

कंप्यूटर इंसानों द्वारा बनाई गई तकनीक का एक अद्भुत आविष्कार है। कंप्यूटर इंसान के लिए समय की बचत करते हैं। चाहे आप जानकारी की तलाश कर रहे हों या कोई कठिन काम का कर रहे हो, कंप्यूटर जीवन का एक तरीका बन गया है। आइए Computer Ka Avishkar Kisne Kiya Hai उसके बारे में जानते हैं।

Computer Ka Avishkar Kisne Kiya tha ( कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया )

कंप्यूटर का आविष्कारक चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर के पिता के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने 1833-1871 के बीच पहली कंप्यूटर जैसी मशीन बनाई थी। चार्ल्स के आविष्कार ने जीवन को बहुत आसान बना दिया और उनकी विरासत को आज भी याद किया जाता है। कंप्यूटर एक लंबे समय से मौजूद हैं। हमारे देश के आजाद होने से पहले भी यह मौजूद था।

विलियम ऑट्रेड को 1622 में पहले कंप्यूटर के निर्माण का श्रेय दिया जाता है जिसका नाम एबैकस था। इसके बाद चार्ल्स बैबेज ने कंप्यूटर के आधुनिक आकार को समाज के सामने प्रस्तुत किया और उन्हें Father of modern computer माना जा सकता है।

यदि आपको नहीं पता है कि electronic computer ka avishkar kisne kiya तो जान लीजिए कि सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार डॉ. अलान एम. टूरिंग ने किया था।

दुनिया का पहला कंप्यूटर

दुनिया का पहला कंप्यूटर अमेरिका में बनाया गया था जिसका नाम ENIAC था l यह आकार में बहुत बड़ा था इसलिए इसे रखने के लिए एक पूरा कमरा चाहिए था।

इन दिनों हम आसानी से अपने कंप्यूटर को टेबल पर रख सकते हैं लेकिन उस समय की कहानी कुछ और थी। दुनिया में बना पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर पूरे 1801 वर्ग फुट जगह घेरता है। जानकर आश्चर्य होता है कि इसमें 70,000 प्रतिरोधक, 10,000 कैपेसिटर और 18,000 वैक्यूम ट्यूब थे जो पूरे कमरे को भरते थे।

भारत में पहला कंप्यूटर

आपने कभी सोचा है कि भारत में पहला कंप्यूटर कब और कैसे स्थापित किया गया था? भारत में पहला कंप्यूटर कोलकाता में डॉ द्विजेश दत्ता द्वारा स्थापित किया गया था।

कोलकाता का विज्ञान संस्थान भारत में पहला स्थान था जहाँ भारत का सबसे पहले कंप्यूटर स्थापित किया गया था। यह एक एनालॉग कंप्यूटर था। उसके बाद बेंगलुरु में विज्ञान संस्थान एक और कंप्यूटर स्थापित किया गया था।

लेकिन ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1956 में भारत में सबसे पहले मॉडर्न कंप्यूटर की शुरुआत हुई थी जब कोलकाता के साइंस इंस्टीट्यूट में सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर स्थापित किया गया था।

कंप्यूटर किस तरह काम करता है?

कंप्यूटर कैसे काम करता है? यह समझने से पहले आइए बुनियादी बातों के बारे में जानना जरूरी है। इसमें कंप्यूटिंग में उपयोग किए जाने वाले सामान्य नियम और प्रक्रियाएं शामिल हैं। कंप्यूटर में सभी प्रक्रियाओं में आम तौर पर तीन चरण इनपुट, प्रोसेसिंग और आउटपुट शामिल होते हैं। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

कंप्यूटर किसी प्रोग्राम को कैसे चलाता हैं यह समझने के लिए हमारी डिजिटल साक्षरता होनी चाहिए है। आइए एक उदाहरण का उपयोग यह पता लगाने के लिए करते हैं कि कैसे एक कंप्यूटर किसी प्रोग्राम को चलाने के लिए आवश्यक तीन चरणों का पालन करता है। जब कंप्यूटर का उपयोग करने की बात आती है तो इन तीन प्रक्रियाओं को समझना आवश्यक है। 

Input (इनपुट)

इनपुट कंप्यूटर का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह आपको टेक्स्ट, नंबर, ड्रॉइंग आदि जैसे डाटा इंटर करने देता है। इस डाटा को कंप्यूटर को देने के लिए आपको इनपुट डिवाइस जैसे कीबोर्ड, माउस, स्कैनर आदि की आवश्यकता होती है। एक कीबोर्ड की हेल्प से आप कंप्यूटर में जानकारी टाइप कर सकते हैं। माउस का उपयोग प्रोग्राम को खोलने, चलाने और बंद करने के लिए किया जाता है। इनपुट कंप्यूटर के साथ काम करना आसान बनाता है।

Process (प्रक्रिया)

जब आप कंप्यूटर में डेटा दर्ज करते हैं तो इसे कई चरणों से गुजरना पड़ता है। कंप्यूटर में data को प्रोसेस करने के लिए प्रोसेसर, कंप्यूटर की मेमोरी और अन्य चीजों की भूमिका होती हैं। इसके बाद डेटा का आउटपुट आपको मिलता है

Output (आउटपुट)

कंप्यूटर में इनपुट किए गए डेटा के प्रोसेस के बाद डेटा प्रदर्शित होने के लिए तैयार है। ऐसा करने के लिए स्क्रीन पर डेटा देखने के लिए मॉनिटर जैसे आउटपुट डिवाइस का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप जानकारी की फिजिकल कॉपी चाहते हैं तो इसे प्रिंट करने के लिए एक प्रिंटर का उपयोग किया जा सकता है।

कंप्यूटर की पीढ़ी (computer generation)

अगर आप कंप्यूटर की अब तक बनाई गई पांच पीढ़ियों के बारे में जानना चाहते हैं तो यह जानना वास्तव में आकर्षक है कि कंप्यूटर पिछले कुछ वर्षों में कितना विकसित हुआ है और प्रत्येक पीढ़ी पिछली पीढ़ी की तुलना में अधिक आश्चर्यजनक रही है। आइए कंप्यूटर की पीढ़ी को विस्तार से जानें।

कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी 

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी का समय 1946 से 1956 तक माना जाता है। कंप्यूटर का सर्वप्रथम विकास इसी समय अवधि में हुआ था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में डायोड वाल्व वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि इस डायोड वाल्व नामक वैक्यूम ट्यूब की खोज सर एम्ब्रोस फ्लेमिंग ने वर्ष 1904 में की थी।

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी

1956 से 1964 के बीच कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी का विकास हुआ। इसमें वैक्यूम ट्यूबों के बजाय ट्रांजिस्टर ने अपना पदार्पण किया। इसके बाद इन कंप्यूटरों में और भी उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग किया जाने लगा।

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी 

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी 1964 के आसपास शुरू हुई और 1970 तक चली। ट्रांजिस्टर का उपयोग करने के बजाय, कंप्यूटर की इस पीढ़ी ने इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) का उपयोग किया जो एक चिप पर ट्रांजिस्टर, रजिस्टर और कैपेसिटर से मिलकर बनते थे।

कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी

माना जाता है कि कंप्यूटर की यह चौथी पीढ़ी 70 के दशक की शुरुआत से अस्तित्व में है और इसके खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं यानी हम आज जिस कंप्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं वह इसी पीढ़ी का है।

इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में न केवल सीपीयू और सेंट्रल प्रोसेसिंग चिप्स का उपयोग किया जाता है बल्कि माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल भी किया जाता है। दुनिया का पहला माइक्रो कंप्यूटर Altair है जिसे Intel 8080 प्रोसेसर के साथ बनाया गया था। इसमें एक किलो बाइट तक मेमोरी स्टोर करने की क्षमता थी और आज आप देख सकते हैं कि कंप्यूटर का विकास कितना हो चुका है।

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी

वैज्ञानिक इस पीढ़ी के कंप्यूटरों को पिछली पीढ़ी की तुलना में अधिक कुशल और प्रभावी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वे यह पक्का करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इस कंप्यूटर में शामिल प्रत्येक प्रक्रिया और विशेषता गति और प्रदर्शन के मामले में अन्य सभी कंप्यूटर पीढ़ियों को पार करने में मदद कर सके।

Computer के फायदे (Computer Benefits in Hindi)

कंप्यूटर के फायदे जबरदस्त है। आप इन्हें जान कर हैरान हो जाएंगे।

  • कंप्यूटर की सहायता से प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी होती है।
  • इसकी सहायता से कम्युनिकेशन करना आसान होता है।
  • इसमें हम तरह-तरह की क्रिएटिविटी कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर गलतियों में सुधार करने के काम आता है।
  • इस पर काम करने से समय की बचत होती है।
  • इसकी सहायता से डाटा को स्टोर करने और रिकवर करने में आसानी होती है।
  • कंप्यूटर की सहायता से किसी काम को सीखना आसान होता है।

कंप्यूटर का इतिहास (Computer History in Hindi)

कंप्यूटर का इतिहास 17 वीं शताब्दी का है जब पहली बार इसकी खोज की गई थी। 1822 में चार्ल्स बैबेज ने जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने वाला इंजन विकसित किया। यह इंजन पंच कार्ड के जरिए डेटा स्टोर करने में सक्षम था इसलिए पिछले डिजाइनों की तुलना में हजारों गुना तेजी से गणना कर सकता था। उनके काम ने भविष्य के कंप्यूटर जगत को बहुत प्रभावित किया।

19वीं शताब्दी के अंत तक कैलकुलेटर और ऐडिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रोमैकेनिकल उपकरणों को पेश किया गया था। 1940 के दशक तक कंप्यूटर इंडस्ट्री पर हावी होने लगे। 

ट्रांजिस्टर के आविष्कार ने मशीन कंप्यूटिंग के लिए गति और विश्वसनीयता में उल्लेखनीय वृद्धि की जिससे 1950 और 60 के दशक में आईबीएम द्वारा निर्मित छोटी कंप्यूटर इकाइयां बन गईं। इंटेल ने 1971 में पहला माइक्रोप्रोसेसर जारी किया जिसने पारंपरिक कंप्यूटर सिस्टम की तुलना में बहुत तेज कंप्यूटिंग गति प्रदान की। आज तेज कंप्यूटिंग गति के लिए बहुत बढ़िया सुधार किए गए हैं।

Computer VS Laptop

कंप्यूटर और लैपटॉप दोनों ही पर्सनल कंप्यूटर के प्रकार हैं जिन्हें कई कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

कंप्यूटर लैपटॉप से थोड़े बड़े और शक्तिशाली होते हैं कंप्यूटर मॉनिटर, स्पीकर, कीबोर्ड, माउस, कैमरा, माइक्रोफोन जैसे कई डिवाइसों से मिलकर बना होता है जबकि लैपटॉप के लिए इनकी की जरूरत नहीं होती है। कंप्यूटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में कठिनाई होती है जबकि लैपटॉप पोर्टेबल होते हैं। यादों को हम कहीं भी ले जा सकते हैं।

स्टूडेंट के लिए कंप्यूटर सही है या फिर लैपटॉप?

स्टूडेंट को पढ़ने के लिए घर से बाहर जाना पड़ता है और कई बाहर हॉस्टल में भी रहना पड़ता है। कंप्यूटर एक बड़ा उपकरण है इसलिए इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में कठिनाई होती है। मेरी सलाह यही है कि लैपटॉप स्टूडेंट्स के लिए सबसे सही रहता है क्योंकि आप इसे कहीं भी साथ ले जा सकते हैं और यह हल्का भी होता है।

FAQ

भारत में कंप्यूटर का आविष्कार कब हुआ था?

21 जनवरी 1969 को भारत में कंप्यूटर का आविष्कार विक्रम साराभाई द्वारा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में किया गया था। यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था।

कंप्यूटर का जनक कौन है?

चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक (Father of computer) कहा जाता है। इनकी वजह से ही प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बना था।

कंप्यूटर का आविष्कार कौन से देश में हुआ?

कंप्यूटर का आविष्कार संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में हुआ था।

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया है?

कंप्यूटर का आविष्कार सबसे पहले 1622 में विलियम ऑट्रेड ने किया है। इसके बाद कंप्यूटर के आविष्कार का असली काम चार्ल्स बैबेज ने किया था।

निष्कर्ष 

हमें उम्मीद है कि आपको यह लेख पढ़ने में मज़ा आया होगा जिसमें हमने आपके साथ electronic computer ka avishkar kisne kiya tha यह जानकारी साझा की। हमने इसे आसान तरीके से लिखने की कोशिश की है ताकि आपको आसानी से मुख्य जानकारी मिल सके। अब आप कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया इसके बारे में जान चुके होंगे।

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